द गर्ल इन रूम 105–७५
जारा ने अपने आपको मेरी बाहों से छुड़ा लिया। मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा हूं, जारा।"
"ये कोशिश है तुम्हारी? मुझे तो नहीं लगता। में नहीं सोचती तुममें इतना दम है कि अपने पैरेंट्स से जाकर कह सको कि मैं इस लड़की के साथ ही जीवन बिताना चाहता हूं और बात खत्म 'बो मेरे पैरेंट्स हैं, जारा।'
वो तो वो हमेशा ही रहेंगे। लेकिन जिस तरह से चीजें हो रही हैं...' यह कुछ कहते-कहते रुक गई।
'क्या?" 'कुछ नहीं। गुड नाइट।'
स्टाफरूम में मेरा फोन बजा। मैंने उठा लिया।
*मैं सफ़दर बोल रहा हूँ। क्या हम बात कर सकते हैं?"
"केशव!" चंदन की तेज़ आवाज़ आई। 'मेरे ऑफिस आओ।' उसके स्टाफरूम में आने से पहले ही उसकी तोंद
मुझे नज़र आ गई। मैने फोन को अपने हाथों से छुपा लिया।
"चंदन सर, ये बहुत जरूरी कॉल है। मुझे पांच मिनट का समय दीजिए।'
'जरूरी कॉल? क्या? दूसरे कोचिंग सेंटर्स को इंटरव्यू दे रहे हो क्या?' उसने त्योरियां चढ़ाते हुए कहा । 'सर, फैमिली कॉल है,' मैंने चंदन से दूर होते हुए कहा 'जी, अंकल, कैसे हैं आप?' सफ़दर बिना किसी लाग-लपेट के सीधे पॉइंट पर आ गए। 'ज़ारा कह रही है कि तुम इस्लाम अपनाने के
लिए कंफर्टेबल नहीं हो?
'नहीं, सरा मेरा मतलब है कि मैं तो तैयार हूं, लेकिन मेरे पैरेंट्स इसे बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे।' "तो जारा को भूल जाओ और उससे मिलना बंद कर दो।" 'लेकिन, अंकल...' "बंद कर दो मतलब बंद कर दो। मैंने तुमसे दिल खोलकर बात की, लेकिन तुमने हमारे साथ दगाबाज़ी
'दगाबाजी?"
की।"
"तुम्हारे पैरेंट्स ने मेरी बेटी को घर से बाहर निकाल दिया, जबकि वो तो मेहमान बनकर आई थी। मैंने अपने परिवार में तुम्हारा स्वागत ही किया। लेकिन इसके बावजूद तुम हमारी इच्छा का सम्मान करने को तैयार
नहीं हो।'
'अकल, ये मेरे धर्म का सवाल है..... 'बहुत हो गया, उन्होंने मेरी बात काटते हुए कहा 'तुम कल जारा के साथ पीवीआर गए थे?"
'जी, सर, मैंने कहा मैं सोच रहा था कि यह उन्हें कैसे पता चला। "और उसके बाद वो तुम्हारे अपार्टमेंट पर आई थी
"ये आपको जारा ने बताया?"
"नहीं, लेकिन मेरे पास लोग हैं, जो तुम पर नज़र रख सकते हैं। और अगर जरूरत पड़ी तो वो तुमको चोट "तुम बस एक काफ़िर हो, जो मेरी लाखों में एक बेटी का फ़ायदा उठा रहे हो। उसे अकेला छोड़ दो, नहीं तो
भी पहुंचा सकते हैं।"
"चोट?"
ये तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा।' "आप मुझे धमकी दे रहे हैं, अंकल?'
मैं धमकियां नहीं देता। मैं पहले दरियादिली दिखाता हूँ, और जब मेरे साथ धोखा किया जाता है, तो मैं
उस पर एक्शन लेता हूं। और अगर मेरे परिवार की इज्जत की खातिर मुझे खून भी बहाना पड़े तो मैं इससे पीछे
नहीं हटूंगा।"
खून शब्द सुनते ही मेरी रीढ़ की हड्डी में सिहरन दौड़ गई। चंदन अरोरा स्टॉफ़रूम में चला आया और मेरा